लखनऊ । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में भगवान श्री राम की 221 मीटर ऊंची कांसे की प्रतिमा लगाने का निर्णय सराहनीय है। प्रदेश पार्टी मुख्यालय पत्रकारों से चर्चा करते हुए डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि इस निर्णय ने देश-विदेश में बसे करोडों लोगों की भावनाओं का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय असंख्य जनसंख्या के स्वाभिमान का भी प्रतीक है। अयोध्या में भगवान श्री राम की प्रतिमा लगने के निर्णय से ही उत्तर प्रदेश देश-दुनिया में पर्यटन के केंद्र बिंदु के रूप में आ गया है।
डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति लगाने के साथ अत्याधुनिक म्यूजियम की स्थापना के निर्णय से समूचे अवध और पूर्वांचल को एक नई पहचान मिलेगी। यहां पर्यटन के विकास के साथ असंख्य युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे। पिछली सपा और बसपा की सरकारों में उपेक्षित पड़े धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की सरकार संवार रही है वह अभूतपूर्व है। इसने लोगों में इस विश्वास का संचार किया है कि भाजपा सरकार ही उपेक्षितों, वंचितों के हक के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछडों, दलितों, उपेक्षितों, वंचितों को सम्मान दिलाना ही रामराज्य की परिकल्पना है और इस दिशा में प्रयास करने वाला ही वस्तुतः रामभक्त है। प्रदेश की भाजपा सरकार इसी ध्येय को सामने रखकर अपना कार्य कर रही है। यही सूत्रवाक्य विकास की राह खोलता है जिसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्च वाली भाजपा सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।
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