लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केवल इसलिए सहमत हुई थी क्योंकि वह समझ गई थी कि आगामी चुनावों में उन्हें उलटफेर का सामना करना पड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "साल भर के आंदोलन के दौरान 600-700 किसानों के मारे जाने के बाद, प्रधानमंत्री अब कानूनों के लिए माफी मांग रहे हैं, लेकिन उन्होंने शहीद किसानों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है। लखीमपुर की घटना के बारे में क्या हुआ और मंत्री को अब तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है? हमें यह समझना होगा कि सरकार ने अपने फैसले को बदलने का निर्णय तब किया जब हाल के सर्वेक्षणों से पता चला कि यह सरकार अब नहीं आने वाली।"
यह पूछे जाने पर कि किसान अपना आंदोलन तुरंत वापस क्यों नहीं ले रहे हैं, कांग्रेस नेता ने कहा, "किसानों को 'आतंकवादी', 'आंदोलनजीवी', 'गुंडे' और 'देशद्रोही' जैसे नाम दिए गए हैं। वे सरकार पर एक मिनट में इतना आंख मूंदकर भरोसा क्यों करें? इसके अलावा, सरकार के पास अध्यादेश लाने का विकल्प है तो वह संसद सत्र की प्रतीक्षा क्यों कर रही है?"
प्रियंका ने आगे कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार को आखिरकार किसानों की ताकत का एहसास हुआ और यह भी कि किसानों से बड़ा कोई नहीं है।
उन्होंने कहा, "अगर सरकार गंभीर है कि क्या हुआ है तो उसे आवश्यक कदम उठाने चाहिए। लखीमपुर की घटना में शामिल मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसानों की अन्य समस्याओं जैसे एमएसपी, उर्वरक की कमी और ऐसे अन्य मुद्दों को भी संबोधित किया जाना चाहिए।"
प्रियंका ने कहा कि उन्हें इस बात की भी खुशी है कि किसानों के आंदोलन के दौरान पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा रहा।
--आईएएनएस
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