गौतमबुद्ध नगर। दो दिन से दिल्ली के निजामुद्दीन बस्ती इलाके में स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय को लेकर शुरू हुआ बवाल शांत नहीं हो रहा है। मुख्यालय के सर्वेसर्वा मौलाना मोहम्मद साद कंधावली की तलाश में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीमें खाक छान रही हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मौलाना साद भले ही हाथ न लगे हों, मगर दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले की पुलिस ने तबलीगी जमात मुख्यालय से गायब होने वाले दो लोगों के गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों को जारचा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गुरुवार रात आईएएनएस से बात करते हुए पुलिस उपायुक्त (जोन-3) राजेश कुमार सिंह ने पुष्टि की है। डीसीपी के मुताबिक, "गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों के नाम मोहम्मद आजम और दानिश खान हैं। मोहम्मद आजम गाजियाबाद का और दानिश सहारनपुर का रहने वाला है। इन दोनों की निशानदेही पर गाजियाबाद में भी पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि इनके दो-तीन साथी गाजियाबाद में छिपे हो सकते हैं।"
डीसीपी राजेश कुमार सिंह के अनुसार, "दानिश और आजम ने कबूला है कि ये दोनों 11 अन्य लोगों के साथ तबलीगी हेडक्वार्टर दिल्ली में गए थे। जैसे ही कोरोना का बवाल मचा यह 13 लोग भागकर राजस्थान के अलवर जिले में छिप गए। अलवर पुलिस ने छापा मारा तो वहां इनके 8 साथी गिरफ्तार कर लिए गए। ये दोनों अपने तीन अन्य साथियों के साथ छापे से पहले ही अलवर से भाग चुके थे।"
ग्रेटर नोएडा डीसीपी ने कहा, "आजम और दानिश को राजस्थान पुलिस से मिली सूचना के आधार पर ही पकड़ा गया है। इन दोनों को मोबाइल सर्विलांस ने पकड़वाने में मदद की है। इन दोनों को शरण देने वाले दो लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।"
डीसीपी के मुताबिक, शरण देने वाले और इन दोनों पकड़े गए लोगों को फिलहाल मुकदमा दर्ज करके 'कोरंटाइन होम' में एहतियातन भेज दिया गया है। जबकि इनके बाकी फरार तीनों साथियों के बारे में गाजियाबाद पुलिस को सूचित कर दिया गया है।
उधर, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया, "लॉकडाउन तोड़ने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इस काम में ड्रोन का भी इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन की मदद से जो लोग गली-मुहल्लों में भी अगर लॉकडाउन का मजाक उड़ाने की कोशिश भी करते दिखाई दे रहे हैं, उनके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जा रही है।"
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, "पूरे जिले में धारा 144 लागू है। साथ ही लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग प्रक्रिया भी सख्ती से अमल में लाई जा रही है, जो कोरोना की चेन तोड़ने के लिए बेहद जरूरी है। लोगों को लॉकडाउन की अहमियत और कोरोना की भयावहता के बारे में लाउडस्पीकरों के जरिये भी पुलिस गली-गली जाकर बता, समझा रही है।"
--आईएएनएस
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