लखनऊ। अपनों से बिछुड़ने का गम वही समझ सकता है जिसने, जीवन में कभी विछोह का दुख भोगा हो। इस गणतंत्र दिवस पर जब हर हिंदुस्तानी 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा' गा रहा होगा। ठीक उसी वक्त एक वह बेरहम घड़ी भी आने वाली है, जब उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही से लेकर पुलिस महानिदेशक तक की आंख नम हो आई होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किसी विशेष इंसान या वर्दी में किसी बहादुर जवान के विछोह-शहीदी के चलते आंखें नम नहीं होंगी। वजह है काठ-लोहे से बनी एक अदद उस, '.303-राइफल' की जुदाई-विदाई-विछोह, जिसे यूपी पुलिस इस गणतंत्र दिवस पर देने जा रही है अंतिम सलामी। उस थ्री-नॉट-थ्री राइफल को दी जाएगी अंतिम सलामी, जिसने यूपी पुलिस की सेवा में रहते हुए अनगिनत बहादुरों का सिर हर मोर्चे पर गर्व से ऊंचा और सीना फुलवाकर 56 इंच का कर दिया होगा।
वो थ्री नाट थ्री राइफल जिसने, गुलाम और आजाद हिंदुस्तान में। पुलिस का हर बुरे वक्त में साथ दिया। बिना कभी धोखा दिए हुए। जिसने कई दशक से जीत रखा था, खाकी वर्दी पहनने वाले हर जवान का दिल। जो बढ़ाती थी खाकी वर्दी पहने जवान की हिम्मत और करती थी। बिना बोले ही हर वदीर्धारी की हौसला-अफजाई।
मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या मामले में गृह मंत्री को लिखा पत्र, जांच की उठाई मांग
अनुब्रत मंडल का बचाव करके ममता ने अपना अपराध कबूल कर लिया : भाजपा
महाराष्ट्र के रायगढ़ में नाव में मिला अवैध हथियारों का जखीरा, एनआईए की टीम रवाना
Daily Horoscope