लखनऊ। पूर्व केंद्रीय
मंत्री और सपा के संस्थापक सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा का शुक्रवार को लखनऊ के
मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। बेनी प्रसाद
के निधन की खबर से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। वह सपा के
संस्थापक सदस्य रहे थे। उनके निधन पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गहरा दुख
जताया है।
समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर बेनी प्रसाद के निधन की जानकारी
दी। पार्टी ने अपने ऑफिशल हैंडल से ट्वीट किया, "पार्टी के वरिष्ठ नेता,
राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आदरणीय बेनी प्रसाद वर्मा जी और
हम सबके प्रिय 'बाबू जी' का निधन अपूरणीय क्षति है। शोकाकुल परिजनों के
प्रति संवेदना! शत-शत नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सपा मुखिया
अखिलेश यादव ने वयोवृद्ध नेता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्वीट के माध्यम से अपनी संवेदना जताते हुए लिखा, "समाजवादी
पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा जी
यानी हम सबके बेनी बाबूजी का निधन अत्यंत दुखद। परिजनों के प्रति गहरी
संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।"
बाराबंकी के रहने
वाले बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के बड़े नेता माने
जाते थे। कुछ समय वह कांग्रेस में भी रहे और इस दौरान यूपीए-2 की मनमोहन
सिंह सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।
बेनी प्रसाद वर्मा को
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता रहा है। सन् 1996 में
राष्ट्रीय मोर्चा-वाम मोर्चा की एच.डी. देवगौड़ा सरकार में वह संचार
राज्यमंत्री बने थे। फिर उन्हें संसदीय कार्य राज्यमंत्री का भी जिम्मा
सौंपा गया। सन् 1998, 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में वह सपा के टिकट पर
कैसरगंज से जीतकर संसद पहुंचे थे।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में वह
कांग्रेस के टिकट पर गोंडा सीट से जीते थे और केंद्र में मंत्री बने। बेनी
प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के महासचिव थे। उत्तर प्रदेश सरकार में सपा
सरकार में वह लंबे समय तक पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे।
बेनी प्रसाद
वर्मा अपने बेटे के लिए वर्ष 2007 में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की
वजह से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल सका। इसी
वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी
क्रांति दल बनाया। इसके बाद साल 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
वर्ष 2016 में वह एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। (आईएएनएस)
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