लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित द्वारा प्रश्नकाल के दौरान राज्य में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार पर बहस की अनुमति न दिए जाने पर सदन से बहिर्गमन किया। सदन की बैठक शुरू होने के बाद ही कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने इस मुद्दे पर बहस की मांग की, जिसका सपा के सदस्यों ने समर्थन किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है और राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल महिलाओं पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
अध्यक्ष ने सभी टिप्पणियों को हटाने का आदेश देते हुए सदन को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस के विधायक योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच पहुंच गए।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने तब खड़े होकर घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में 1000 गुणा सुधार हुआ है।
उन्होंने विपक्ष पर अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा से पीड़ितों की मदद की है।
(आईएएनएस)
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