लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए शालिनी यादव को वाराणसी में सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शालिनी यादव को एक कमजोर प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक हलकों में उनकी कोई खास पहचान भी नहीं है। इससे पहले साल 2017 में उन्होंने वाराणसी से कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
शालिनी यादव राज्यसभा के पूर्व उप सभापति श्यामलाल यादव की बेटी हैं।
समाजवादी पार्टी के सूत्रों के अनुसार क्षेत्र का कोई भी बड़ा पार्टी नेता इस सीट से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था। इसलिए पार्टी ने यहां से शालिनी को लड़ाने का फैसला किया। शालिनी ने सोमवार शाम को ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।
शालिनी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं अखिलेश यादव जी के मार्गदर्शन में अपनी पूरी क्षमता से कार्य करूंगी और भाजपा से सीट छीनने का पूरा प्रयत्न करूंगी। युवा हमारे साथ हैं और अगर प्रयास किया जाए तो कुछ भी हासिल करना नामुमकिन नहीं है।"
साल 2009 में भाजपा उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी ने यह सीट जीती थी। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को 3.75 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया था। इसके बाद से यह वीवीआईपी सीट बन गई है।
वाराणसी में मतदान अंतिम चरण में 19 मई को होना है।
--आईएएनएस
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