मायावती और अखिलेश दोनों ने मोदी सरकार पर
विरोधियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। मायावती ने कहा, हमने 4 जनवरी को
दिल्ली में साथ बैठकर सीटों का फाइनल बंटवारा भी कर लिया था। उसी दिन शायद
इसकी भनक लगते ही बीजेपी ने अखिलेश यादव की छवि धूमिल करने के लिए उनका नाम
खनन मामले से जोड़ दिया। हमारी पार्टी इसकी निंदा करती है। उनकी घिनौनी
हरकत से गठबंधन को और ज्यादा मजबूती मिल जाएगी। शिवपाल यादव पर पानी की तरह
बहाया गया पैसा भी बर्बाद हो जाएगा। अखिलेश ने भी कहा कि गठबंधन की
चर्चाओं के बाद इसे नाकाम करने के लिए बीजेपी साजिशें रच रही है। ये भी पढ़ें - इस पेड से निकल रहा है खून, जानिए पूरी कहानी
मायावती
ने कहा कि पिछले लोकसभा और यूपी चुनाव में बीजेपी ने बेइमानी से सरकार
बनाई। उन्होंने कहा, उनकी गलत और जनविरोधी नीतियों से जनता नाराज है।
उपचुनाव में जनता ने उनके उम्मीदवारों को हराकर शुरुआत कर दी है। उन
चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों की तो जमानत ही जब्त हो गई। एसपी-बीएसपी
गठबंधन बीजेपी को केंद्र में सत्ता में आने से जरूर रोकेगा। मायावती ने
कहा, नोटबंदी और जीएसटी के फैसले ने जनता और मेहनतकश वर्ग की कमर तोड़ दी।
यही वजह है कि गेस्ट हाउस कांड को भूलकर हम गठबंधन कर रहे हैं ताकि इस बार
बीजेपी ऐंड कंपनी के लोगों को किसी भी कीमत पर केंद्र की सत्ता में आने से
रोका जा सके। जिस तरह हमने अभी तक के सभी लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों
में बीजेपी के अधिकांश उम्मीदवारों को हराया है, उसी तरह हमें उम्मीद है कि
आम चुनाव में भी हम हराएंगे।
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