लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस का भार कुछ कम करने के लिए बीट रजिस्टर की जगह उन्हें डायरी मिलेगी, जिसमें क्षेत्रवार अपराधियों से लेकर सारे महत्वपूर्ण लोगों की जानकारियां होंगी। इससे वे 24 घंटे अपडेट रहेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "पुलिस को आधुनिक बनाने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में बीट रजिस्टर की जगह बीट डायरी का इस्तेमाल हो रहा है। पहले सिपाही को अपने इलाके की महत्वपूर्ण सूचना एकत्र कर बड़े रजिस्टर में लिखना पड़ता था। अब उसकी जगह एक पॉकेट डायरी दी गई है, जिसमें क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटरों, अपराधियों, असलहा तस्करों, पुलिस के मददगारों, सांसद, विधायक, सभासद, प्रधान समेत अन्य जनप्रतिनिधियों व प्रतिष्ठित लोगों, जुए, सट्टे, स्मैक समेत अन्य गलत धंधे चलाने वालों समेत अन्य लोगों की जानकारियां होंगी। इसके अलावा इसका एक एप भी तैयार हो रहा है। हालांकि अभी भी कुछ लोग बीट डायरी की जगह मोबाइल में ही नोट बनाकर लिख रहे हैं। अब वह 24 घंटे इसे अपडेट रखेंगे।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया, "जब वह एक सप्ताह में संबंधित अधिकारियों के आगे पेश होंगे तो वह उनकी डायरी देखकर ही अंदाजा लगा लेंगे कि बीट पर उनकी कितनी पकड़ है।"
अधिकारी ने बताया, "आगे बीट एप बनाने की भी योजना है, जिससे बीट डायरी मोबाइल फोन में ही खुल जाएगी, जिसे डिजिटल डायरी का रूप दिया जाएगा।"
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने बीट सिपाही को और मजबूत बना दिया है। उसे सारे अधिकार प्राप्त रहेंगे। वह बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ) तो होगा ही, साथ ही बैंको से लेकर अन्य स्थानों की चेकिंग करके कमी मिलने पर हिदायद दे सकेगा। (आईएएनएस)
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