लखनऊ । उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 'असत्यापित' (अनवेरिफाइड) शिक्षकों के मुद्दे पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) से जांच कराने के आदेश दिए हैं, अगर वे 4 जनवरी तक अपनी सर्विस बुक का सत्यापन नहीं करते है तो जांच के दायरे में आ जाएंगे। राज्य के कम से कम 16,838 शिक्षकों ने 17 दिसंबर तक 'मानव संपदा' वेबसाइट पर अपनी सर्विस बुक का सत्यापन नहीं किया है, जो शिक्षकों का एक ऑनलाइन डेटाबेस है, जो अभिलेखों के डिजिटाइजेशन के लिए बनाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अब यह समयसीमा बढ़ाकर 4 जनवरी कर दी गई है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, सरकार एसटीएफ से उन शिक्षकों के मामलों की जांच करने के लिए कहेगी, जिन्होंने अपनी सर्विस बुक का सत्यापन नहीं किया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त 6.1 लाख से अधिक शिक्षकों को अपनी सेवा पुस्तिका का सत्यापन करने के लिए कहा गया था।
लगभग 5.9 लाख शिक्षकों द्वारा इस प्रक्रिया का पालन किया गया, जो विभाग द्वारा मांगे गए कुल सत्यापन का 97.2 प्रतिशत है।
शिक्षा विभाग ने इस साल जून में एक 'फर्जी' शिक्षक घोटाला सामने आने के बाद डिजिटलीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है, फर्जीवाड़े में अनामिका शुक्ला नाम की एक पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षक 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में लगातार 13 महीने काम करती पाई गई थी और वेतन के रूप में लगभग 1 करोड़ रुपये घर ले गई थी।
राज्य में फर्जी शिक्षकों की पहचान करने के लिए एक एसटीएफ जांच शुरू की गई थी और अन्य शिक्षकों के नाम पर फर्झी रूप से काम कर रहे 350 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया था।
--आईएएनएस
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