सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की पंक्तियों
के जरिए अपनी बात को सिद्ध करने की कोशिश की। उन्होंने चौपाई, कि बरसत हरसत
लोग सब करसत लखै न कोइ, तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ, का अर्थ
बताते हुए कहा कि राजा जब दे तो सबको दिखे, वसूले तो सूर्य जैसे जल सोखता
है वैसे, पता भी ना चले।
इस प्रकार श्री राम सबसे बड़े समाजवादी थे, बाबा
(मुख्यमंत्री) कैसे संत हैं, जिन्हें ज्ञान नहीं है? गौरतलब है कि बुधवार
को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा था कि देश को समाजवाद नहीं रामराज्य की अवधारणा चाहिए।
समाजवाद अप्रासंगिक और अव्यावहारिक हो चुका है।
(IANS)
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