लखनऊ। लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया। इसके बाद से ही इनके अलग होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी 11 सीटों के लिए होने वाले आगामी उपचुनाव में अकेले लड़ेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन स्थायी रूप से खत्म नहीं हुआ है। मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ देर बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर अपनी राय बताई। अखिलेश ने कहा कि अगर गठबंधन टूटता है, तो मैं इस पर गहराई से चिंतन करूंगा और यदि उपचुनाव में गठबंधन नहीं होता है, तो समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी करेगी। सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी।
इससे एक दिन पहले अखिलेश ने अकेले चुनाव लडऩे का संकेत दे दिया था। आजमगढ़ में पत्रकारों से बाचतीत में अखिलेश ने दावा किया कि सूबे में 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा सरकार बनाएगी। अखिलेश ने कहा कि हम जनता को बताना चाहते हैं कि सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी भाजपा है। भाजपा के पास कोई काम नहीं है और वह एसपी के ही कामों को आगे बढ़ा रही है। भाजपा के लोग उन्हें जाति के नाम पर बदनाम कर रहे हैं।
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