लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मोहनलालगंज इलाके में अपनी नवजात बेटी को झाड़ियों में फेंकने के दो साल बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज कुमार यादव आरोपी ने अपनी चार दिन की बच्ची को कथित तौर पर झाड़ियों में छोड़ दिया था। क्योंकि उसके पास उसे खिलाने के लिए पैसे नहीं था।
स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) मोहनलालगंज, दीनानाथ मिश्रा ने कहा, बच्ची एक कंबल में ढकी हुई पाई गयी थी, जहां कुछ लोगों ने देखा की एक आवारा कुत्त उसको लेके घूम रहा था।
उन्होंने कहा, चाइल्डलाइन के सदस्यों की मदद से एक पुलिस टीम ने बच्ची को बचाया, जिसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे डालीबाग के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। 27 दिनों तक उसका इलाज चलाने के बाद में फेफड़ों में संक्रमण के कारण उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने माता-पिता का पता लगाया था जो उस समय चंडीगढ़ में रह रहे थे। हालांकि, चूंकि पुलिस टीम को चंडीगढ़ पहुंचने में लगभग 75 दिन लगे, इसलिए दंपति अपने घर से 'लापता' हो गए और उनके फोन स्विच ऑफ पाए गए।
इसी साल जून में पुलिस कमिश्नर डी.के. ठाकुर, जांच फिर से शुरू की गई।
जांचकतार्ओं ने उस निजी अस्पताल में पूछताछ की जहां शिशु को जन्म दिया गया था।
मिश्रा ने कहा, प्रसूति वार्ड से बच्चे को राज कुमार को सौंपने वाले वार्ड बॉय अरविंद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बाद में, पुलिस ने माता-पिता के उन्नाव का पता लगाया, जो फिर से पंजाब से उत्तर प्रदेश लौट आया थे, लेकिन इस बार एक अलग पते पर।
ईंट भट्ठे पर काम करने वाले यादव ने कहा कि उसने बच्ची को इसलिए फेंक दिया क्योंकि उसके पास उसे खिलाने के लिए पैसे नहीं थे।
उसने कहा डॉक्टरों ने हमें बताया था कि वह जन्म से ही ठीक नहीं थी, और उसके इलाज की लागत कई लाख रुपये होगी।
हालांकि, उसने स्पष्ट रूप से अपनी पत्नी को बताया कि जन्म के तुरंत बाद शिशु की मृत्यु हो गई थी।
एसएचओ ने कहा कि यादव पर मौत के कारण बनने के इरादे उस बच्ची को छोड़ने का मामला दर्ज किया गया है।
--आईएएनएस
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