जालौन। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक कथित नकली नेत्र चिकित्सालय के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। दरअसल यहां इलाज करवाने वाली एक महिला की आंखों की रोशनी चली गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), एनडी शर्मा ने जांच के आदेश दिए है, और अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) संजीव प्रभाकर को इस संबंध में जांच और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि क्लीनिक फर्जी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कुलदीप, जिसके पास केवल चश्मा संख्या की जांच करने की डिग्री है, नेत्र रोगियों का इलाज कर रहा था। सीएमओ ने कहा कि फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता के बेटे गोविंद दास ने बताया कि पांच अप्रैल को वह अपनी मां प्रेमा देवी को कुलदीप के क्लिनिक में ले गया था, जो आंख की खराब रोशनी की समस्या से पीड़ित थीं।
कुलदीप ने पीड़िता को कुछ आई ड्रॉप दिए।
गोविंद दास ने कहा कि दवा देने के तीन दिन बाद मेरी मां की आंखों की रोशनी चली गई।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कुलदीप से मुलाकात की और उनसे अपनी मां की स्थिति के बारे में शिकायत की, तो उसने उन्हें 1,000 रुपये दिए और उन्हें आई ड्रॉप्स देना बंद करने की सलाह दी।
इसके बाद गोविंद दास ने अनुमंडल दंडाधिकारी से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद गोविंद दास ने शिकायत के लिए सीएमओ से मुलाकात की, जिन्होंने एसीएमओ को जांच सौंपी।
"जांच में पता चला कि नेत्र देखभाल क्लिनिक फर्जी है। नकली डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
--आईएएनएस
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