लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 समाप्त हो गए और इसी के साथ उत्तर प्रदेश में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की रौनक भी चली गई। जैसे-जैसे गर्मी का पारा ऊपर चढ़ता गया, राज्य में शहरों और गांवों में अघोषित बिजली कटौती बढ़ती गई और गर्मी में जीना और मुहाल हो गया। अमेठी में जगदीशपुर एक ऐसी ही जगह है जिसने चुनाव के दौरान निर्बाध बिजली का मजा लिया। अब स्थिति बदल गई है।
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जगदीशपुर के व्यापारी बेचू खान ने कहा, अब चुनाव खत्म हो चुका है, स्मृति ईरानी जीत चुकी हैं, अब अमेठी से बिजली चली गई है। हम घंटों की कटौती झेल रहे हैं और कोई अधिकारी हमारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। सुल्तानपुर जिले के लंभुआ के अर्जुनपुर गांव में विवेक सिंह ने भी कुछ ऐसी ही कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, हम तो अब, जब बिजली आती है तो जश्न मनाते हैं। पूरे दिन बिजली गायब रही।
आधी रात को ही पंखा चलता है और वह भी कुछ घंटे के लिए। हाईप्रोफाइल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। स्थानीय नेता सुधीर सिंह ने कहा कि 19 मई को मतदान के फौरन बाद आश्चर्यजनक रूप से बिजली कटौती ने अपना अहसास कराना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, बिजली की समस्या से कामकाज प्रभावित हो रहा है, खासकर बुनकरों का।
पर्यटकों के आने पर भी असर पड़ा है क्योंकि सभी होटल जेनरेटर का खर्च नहीं वहन कर सकते। बिजली की समस्या पानी की समस्या को भी जन्म दे रही है। बिजली विभाग के अधिकारी इस बात को तो मान रहे हैं कि बिजली की कटौती हो रही है लेकिन वे इसका ठीकरा बिजली की बढ़ी मांग के सिर पर फोड़ रहे हैं।
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