नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। यूपी से इस बार कुल 10 उम्मीदवार राज्यसभा पहुंचने वाले हैं। इसमें से 8 सीटों पर बीजेपी और एक पर समाजवादी पार्टी की जीत तय मानी जा रही है। लेकिन, यूपी की 10वीं सीट पर सबसे बड़ा सस्पेंस बना हुआ है। इस सीट पर एसपी-कांग्रेस जहां बीएसपी को जिताने में जुटी हैं, वहीं बीजेपी ने भी 9वें कैंडिडेट को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अखिलेश यादव ने बुधवार रात लखनऊ में डिनर पार्टी दी तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने आवास पर सहयोगियों की मीटिंग ले चुके है। ऐसे में दोनों ही दलों ने राज्यसभा चुनाव के लिए गणित सेट कर लिया है, लेकिन शुक्रवार की वोटिंग के बाद नतीजे आने पर ही स्थिति साफ हो पाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए दलों के पास महज 24 घंटे से कम का समय बचा है। मतदान 23 मार्च को है। प्रमुख दलों द्वारा जरूरी मतों को सहेजने और दल के प्रत्याशी अथवा समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में पोल करा देने की कवायदें तेज कर दी गई हैं। इस चुनाव की अहमियत को देखते हुए दलों के बड़े नेताओं का लखनऊ दौरा तेज हो गया है। बैठकें और भोज का दौर भी तेजी से चल रहा है। विधायकों को कहां और कैसे मतदान करना है इसकी जानकारी दी जा रही है। उन विधायकों पर नजरें रखी जा रही हैं जिन पर विरोधी खेमे के पक्ष में क्रास वोटिंग की आशंका है। बहुजन समाज पार्टी के सभी विधायकों को बुधवार को ही लखनऊ बुला लिया गया है। बसपा प्रमुख मायावती आज विधायकों को रात्रिभोज देंगी। वह इसके पहले विधायकों के साथ बैठक कर राज्यसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगी। बसपा के कुल 19 विधायक हैं।
मायावती विधायकों के साथ आज शाम 7 बजे से बैठक करेंगी। इसमें वह राज्यसभा चुनाव के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश देंगी। उन्होंने विधायकों को रात्रिभोज भी दिया है। बसपा ने भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा चुनाव में उतारा है। बसपा उम्मीदवार को सपा और कांग्रेस के विधायक भी वोट देंगे। बसपा उम्मीदवार को जिताने के लिए अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ किया जा रहा है। लेकिन, भाजपा ने 9वां उम्मीदवार उतार कर सभी पार्टियों की गणित बिगाड़ दिया है। इससे जोड़तोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसीलिए सभी पार्टियां अपने विधायकों को सहेज कर रखने के प्रयास में जुटी हुई हैं। इससे जोड़तोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने विधायकों को वोट डालने के लिए खासी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर सभी विधायकों की बैठक बुलाई। इसमें बागी तेवर दिखा कर बाद में नर्म पड़े सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर व विधायक भी शामिल हुये।
नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने के बाद इस बात की आशंका तेज हो गई है कि एसपी से विधायक उनके बेटे नितिन अग्रवाल क्रॉस वोटिंग करेंगे। नितिन अग्रवाल के झटके के बीच एसपी-बीएसपी के लिए कुंडा से निर्दलीय विधायक राजा भैया उम्मीद की किरण बने हुए हैं। अखिलेश यादव की डिनर पार्टी में राजा भैया भी पहुंचे थे। इसके अलावा अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी आए थे। शिवपाल ने कहा कि जो इस पार्टी में नहीं आए हैं, उनका भी समर्थन मिलेगा, हम सब साथ हैं। 10वीं सीट के लिए यह चुनाव इतना फंसा हुआ नहीं होता अगर नरेश अग्रवाल ने पाला नहीं बदला होता। दरअसल यूपी में राज्यसभा चुनावों की गणित के मुताबिक एक कैंडिडेट को जीत के लिए 37 विधायकों के मतों की जरूरत है। भाजपा के पास 311 और सहयोगियों अपना दल एस (9) व सुभासभा (4) को मिलाकर एनडीए के कुल 324 विधायक हो रहे हैं। वहीं सपा के पास 47, बसपा के 19, कांग्रेस के 7, आरएलडी के 1, निषाद के 3 और निर्दलीय तीन विधायक हैं।
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