लखनऊ। नमामी गंगे परियोजना की समीक्षा करने और पवित्र नदी पर योजना के प्रभाव देखने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कानपुर में गंगा नदी में नौकायन करेंगे। नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक शनिवार को है। ऐसे में बैठक में भाग लेने के लिए 12 केंद्रीय मंत्री, नौ केंद्रीय विभागों के सचिव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को शुक्रवार को कानपुर पहुंचने के लिए कहा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि ऐसी संभावना है कि दो राज्य, जहां से गंगा नदी गुजरती है, यानी पश्चिम बंगाल और झारखंड, वहां के मुख्यमंत्री शनिवार को होने वाली इस बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे। एक ओर जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में आने की रजामंदी अभी तक नहीं दी है, वहीं झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, जिससे राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास शायद ही आएं।
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी नमामी गंगे परियोजना को लेकर कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं। यह परियोजना पिछले कुछ सालों में नदी के जल में कोई बदलाव ला पाने में विफल रही है। कानपुर में होने वाली बैठक के बाद प्रधानमंत्री कानपुर में नौकायन करेंगे। गोमुख से गंगासागर तक बहने वाली इस नदी का कानपुर में पडऩे वाला हिस्सा सबसे अधिक प्रदूषित माना जाता है। इससे यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि सरकार इस परियोजना को लेकर गंभीरता बरतने वाली है।
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