नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी इन दिनों चर्चा में हैं। ये सब कुछ कावड़ यात्रा को लेकर शुरू हुआ और अब सोशल मीडिया से लेकर देश की बड़ी राजनीतिक गलियारों में छाया हुआ है। राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने के आदेश दिए हैं। यूपी सरकार के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी ऐसा ही नियम बनाया है। इस आदेश के बाद से सियासत भी तेज हो गई है।
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विपक्ष लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है। उसे लेकर सोशल मीडिया पर विश्लेषक से लेकर यूजर्स सरकार का समर्थन कर विपक्ष को निशाने पर ले रहे हैं। सोशल मीडिया में भी लोग इस फैसले के खिलाफ ही नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा करने से ना सिर्फ धर्म पता चलेगा बल्कि लोग इसके कारण जातियों में बंटेंगे।
सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है Petrol
बता दें कि सोशल मीडिया में भी इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। लोग इसके पक्ष और विपक्ष में बातें कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भारत में पेट्रोल और डीजल मुस्लिम देश अरब से आता है ऐसे में अब गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल मत भराइये। इसके साथ ही लोग कहा रहे हैं कि जब विरोध करना है तो फिर खुलकर करें और सभी चीजों का करें।
मुलायम सिंह यादव की सरकार में जारी हुआ था ऐसा आदेश
बता दें कि यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार में नेम प्लेट लगाने का कानून लागू हुआ था और यूपीए सरकार ने इस बिल को पास किया था। ये नियम 2006 में ही बनाए गए थे, जिसमें कहा गया था कि सभी दुकानदारों, ढाबा मालिकों को अपने नाम के साथ-साथ पता और लाइसेंस नंबर भी होना चाहिए। जब ये आदेश हुआ था उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे।
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