गन्ना मंत्री ने बताया कि वर्ष 2007 से 2012 तक 19 और 2012 से 2017
तक 10 मिलें बंद हुई थीं। योगी सरकार ने 30 माह में डेढ़ दर्जन नई मिलें
शुरू कीं, इनमें पश्चिम उप्र में बुलंदशहर में वेव शुगर मिल, सहारनपुर में
दया शुगर मिल, चंदौसी में वीनस शुगर मिल प्रमुख हैं। मेरठ के मोहिउद्दीनपुर
चीनी मिल का विस्तार किया जा रहा है और रमाला में नई मिल लगी है।
राणा
ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों का 77 हजार करोड़
रुपये का भुगतान सुनिश्चित कराया है, जो आजादी के बाद से किसी भी राज्य के
किसी भी कालखंड में सबसे बड़ा भुगतान है।
उन्होंने कहा कि पहले
किसानों के पास क्रेशर पर गन्ना डालने का विकल्प था, जिसे बाद की सरकारों
ने बंद कर दिया था, लेकिन योगी सरकार ने एक साल में 101 नए क्रेशर का
लाइसेंस जारी किया है। वर्ष 2015-16 में 64 करोड़ कुंतल गन्ना पेराई हुई
थी, जो अब 111 करोड़ कुंतल तक पहुंच गई है। वर्ष 2015-16 में सपा ने 18003
करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जबकि इस सरकार ने एक साल में 35,400 करोड़
का भुगतान किया है। गन्ने की खेती का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर था जो अब
28 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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