लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य रोडवेज परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) अब बसों में विशेष यंत्र लगाने की योजना बना रहा है। यह यंत्र चालकों को लंबी दूरी के मार्गों पर सुस्त होने से रोक सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विशेष सेंसरों से लैस डिवाइस, शुरू में ड्राइविंग के दौरान नींद आने की स्थिति में चालक को बीप साउंड और रेड लाइट के साथ आगाह करेगा और बाद में वाहन को धीमा कर देगा, जिसके बाद यह पूरी तरह से बंद करके स्वत: ही आपातकालीन ब्रेक लगा देगा।
उत्तर प्रदेश राज्य रोडवेज परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हाल ही में हुए हादसों के बाद यह निर्णय लिया गया है।
इस हादसे में वाहन चालकों को वाहन चलाते समय नींद आ गई थी।
अधिकारी ने कहा कि पुणे की एक कंपनी इजरायली तकनीक से विशेष यंत्र बना रही है। प्रत्येक यंत्र की कीमत लगभग 40 हजार रुपये है।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में, लखनऊ-नेपालगंज मार्ग की दो बसों और लखनऊ-गोरखपुर मार्ग की दो बसों में इस यंत्र का उपयोग किया जा रहा है, और फीडबैक अच्छा रहा है।
अब इन यंत्रों को अधिग्रहीत करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
परिवहन निगम के अधिकारी ने कहा कि डिवाइस को वाहन के डैशबोर्ड पर स्थापित किया जाएगा। नींद की वजह से स्टीयरिंग व्हील पर जैसे ही ड्राइवर की पकड़ कम होगी, डिवाइस बीप साउंड और रेड लाइट वार्निंग देगा।
यदि ड्राइवर बीप साउंड पर प्रतिक्रिया नहीं करता है और वह नींद में ही रहता है, तो डिवाइस स्वचालित रूप से बस में ब्रेक लगा देगा।
डिवाइस आगे की सडक़ पर भी नजर रखेगा और ओवर-स्पीडिंग और ओवरटेकिंग के मामले में ड्राइवर को अलर्ट करेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवहन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं कि ड्राइवरों को दोष देकर वे सडक़ दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
(आईएएनएस)
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