लखनऊ। मुस्लिम महिला पेशेवर, एक नई पहल में, अब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 'राइजिंग बियॉन्ड द सीलिंग' (आरबीटीसी) के साथ सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों को सलाह देंगी। आरबीटीसी राष्ट्रीय स्तर पर 100 और राज्य स्तर पर 100 मुस्लिम महिलाओं का एक समूह है। ये महिलाएं अब पेशेवर, शैक्षिक, भावनात्मक और वित्तीय मामलों में लड़कियों को सलाह देंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश समन्वयक और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड की सदस्य और आरबीटीसी उत्तर की सबिहा अहमद ने कहा, "अगर एक मुस्लिम महिला बुर्का या नकाब पहनती है तो उसे अनपढ़ क्यों माना जाता है? अगर उसे अवसर दिया जाता है, तो वह अपनी इच्छा से कुछ भी हासिल कर सकती है। यह एक अवसर है जो हम सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों की युवा लड़कियों को प्रदान करेंगे।"
उन्होंने कहा कि आरबीटीसी न केवल मुस्लिम महिलाओं के बारे में स्टीरियोटाइप को तोड़ने में मदद कर रहा है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि काम के विभिन्न क्षेत्रों से महिलाओं को शिक्षा, कला, पत्रकारिता और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को सलाह देने के लिए लाने से युवा लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा करने में मदद मिलती है और उनकी आकांक्षाओं को पंख मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि धर्म की परवाह किए बिना, किसी भी क्षेत्र में काम करने की इच्छा रखने वाली कोई भी लड़की संगठन से संपर्क कर सकती है।
--आईएएनएस
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