लखनऊ। यूपी उपचुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान का जवाब देते हुए योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने सपा पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, "भाजपा चुनाव कार्यकर्ताओं के बल पर लड़ती है, जबकि सपा परिवार के सहारे। सपा को परिवार के अलावा कुछ और नज़र नहीं आता, और कांग्रेस की उपचुनाव से पीछे हटने की स्थिति साफ करती है कि सपा और कांग्रेस ने पहले ही हार मान ली है।"
दयाशंकर सिंह ने भाजपा के चुनावी रिकॉर्ड पर ज़ोर देते हुए बताया कि 2014 से भाजपा ने लगातार जीत का परचम लहराया है। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 73 लोकसभा सीटें जीती थीं, और 2017 में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होते हुए भी भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। 2019 में बसपा के साथ सपा के गठबंधन के बावजूद भाजपा ने जीत दर्ज की, और 2022 में फिर से मोदी और योगी के नेतृत्व में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा, "अखिलेश हर चुनाव से पहले भाजपा पर ये आरोप लगाते हैं और फिर हार जाते हैं। सपा में कार्यकर्ताओं की बजाय परिवार पर ज़ोर है, और यही कारण है कि वे टिकट बांटते वक्त परिवार और सजातीय लोगों को ही प्राथमिकता देते हैं। जबकि भाजपा में एक सामान्य कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ता है और जीतकर आता है।"
उन्होंने कांग्रेस के उपचुनाव में न उतरने पर सपा-कांग्रेस गठबंधन को "बेमेल" करार दिया और कहा कि सपा ने कांग्रेस को दूसरे दर्जे का मानते हुए पहले ही सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे। दयाशंकर सिंह ने दावा किया कि सपा और कांग्रेस ने उपचुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है।
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