लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद बसपा (बहुजन समाज पार्टी) सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार (3 जून) को दिल्ली में पहली बैठक बुलाई है। इसमें नवनिर्वाचित सांसद, लोकसभा प्रत्याशी, जोन इंचार्जों के साथ जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मायावती की यह बैठक कई मायने में अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में चुनावों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। इस बैठक में बसपा सुप्रीमो लोकसभा चुनाव में मिली सीटों और वोटिंग प्रतिशत की समीक्षा करेंगी। बसपा को लोकसभा चुनाव में 10 सीटें मिली हैं। मायावती ने सीटवार ब्यौरा भी मांगा है। माना जा रहा है कि मायावती इस दौरान पदाधिकारियों के साथ गठबंधन के भविष्य की संभावनाओं पर भी बातचीत कर सकती हैं।
ईवीएम पर जताई थी आपत्ति...
मायावती 23 मई को मतगणना वाले दिन ही रात में दिल्ली चली गई थीं। मायावती ने लोकसभा चुनाव का रुझान आने के तुरंत बाद बातचीत में ईवीएम को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने गठबंधन को मिली सीटों पर चिंता जताते हुए कहा था कि अपेक्षा से कम सीटें मिली हैं।
विरोध में काम करने वालों पर की कार्रवाई...
लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ मायावती ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर पार्टी विरोधी काम करने और विपक्षी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के आरोप में पार्टी के पूर्व विधायक इकबाल अहमद ठेकेदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
कहा जा रहा है कि इकबाल अहमद ने चुनाव के दौरान बिजनौर में बसपा प्रत्याशी मलूक नागर के बजाए कांग्रेस प्रत्याशी नसीमुद्दीन सिद्दीकी का समर्थन किया था। इससे पहले पार्टी ने विधायक रामबीर उपाध्याय को निलंबित कर दिया था।
लोकसभा चुनावों में प्रदेश में बसपा और सपा ने गठबन्धन करके चुनाव लड़ा था। बसपा ने 38 और एसपी ने 37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें बीएसपी को दस और एसपी को पांच सीटों पर ही सफलता मिली है।
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