लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी पिछले आठ साल से सडक़ सुरक्षा एवं सुरक्षा जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वर्ष 2010 में एक सडक़ दुर्घटना में अपने एकलौते बेटे को खोने के बाद अब वह नहीं चाहते कि किसी और परिवार का चिराग सडक़ सुरक्षा जागरूकता के आभाव में बुझे। इस अभियान में लखनऊ यातायात पुलिस भी उनका साथ दे रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसजीपीजीआई के जनसंपर्क अधिकारी के तौर पर काम कर रहे डॉ. आशुतोष सोती ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने एक सडक़ दुर्घटना में अपने एकलौते बेटे को खोया और फिर उन्होंने बेटे शुभम सोती के नाम से सडक़ सुरक्षा एवं सुरक्षा जागरूकता की दिशा में काम करने के लिए शुभम सोती फाउंडेशन का गठन किया।
आशुतोष सोती ने बताया, ‘‘15 जुलाई 2010 को एक सडक़ दुर्घटना में बेटे की मौत हो गई। उसकी मौत ने उन्हें इस बात के लिए जागरूक किया कि आगे से सडक़ सुरक्षा को लेकर लोगों को इतना जागरूक किया जाए कि ऐसा हादसा किसी के साथ न हो।’’
शुभम सोती फाउंडेशन पिछले आठ वर्षों से लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने बताया, ‘‘पिछले आठ वर्षों के दौरान हमने सडक़ सुरक्षा एवं सुरक्षा जागरूकता को लेकर काफी काम किया है। इसके लिए कॉलेजों और स्कूलों में सडक़ सुरक्षा को लेकर कार्यशालाओं आयोजन किया गया। इसके तहत आम जनमानस को जागरूक करने का काम किया जाता है।’’
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