बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर भीड़ ने एक दलित व्यक्ति (28) को
चोर समझकर पहले उसके कपड़े उतार दिए और उसे बांधकर पीटा, फिर आग के हवाले
कर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बाद में पुलिस ने पीडि़त सुजीत कुमार को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया। वह 30 प्रतिशत तक जल चुका था।
पुलिस ने कहा कि तीन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है और चौथे अज्ञात युवक को पकडऩे के लिए तलाश जारी है।
पुलिस के अनुसार, कुमार गुरुवार रात को अपने ससुराल जा रहा था, इसी दौरान रघुपुरवा गांव में कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ा दिया।
कुत्तों
से बचने के लिए कुमार ने एक घर के बाहर छप्पर में शरण ले ली। स्थानीय
निवासी श्रवण कुमार, उमेश, राम लखन और दो और लोगों ने जब उसे घर के पास
छिपे देखा तो उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया।
सुजीत ने उन्हें बताया कि वह अपनी पत्नी को वापस घर ले जाने के लिए आया है, लेकिन उन लोगों ने इसे अनसुना कर दिया।
उन्होंने
उसे कथित तौर पर चोर बताकर पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े उतार दिए गए,
उसकी पिटाई की गई और फिर उस पर पेट्रोल छिडक़र उसे आग के हवाले कर दिया। इस
दौरान कुछ लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस के गश्ती वाहन
ने आकर सुजीत को बचाया। पहले उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, फिर बाद में
उसे लखनऊ स्थानांतरित किया गया।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक आकाश
तोमर ने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज
किया गया है, जिसमें हत्या की कोशिश और स्वेच्छा से चोट पहुंचाना शामिल है।
मुख्य
चिकित्सा अधीक्षक (सिविल अस्पताल) आशुतोष दूबे ने कहा कि आग की वजह से
सुजीत के जांघों से लेकर पैर जल गए हैं। दूबे ने आगे कहा, ‘‘उसे निगरानी
में रखा गया है और उसकी हालत गंभीर है।’’
(आईएएनएस)
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