लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने एक ऐसी अनोखी डिवाइस तैयार की है, जिसकी मदद से रेलवे को ट्रेन के गुजरने से पहले ही टूटी पटरियों की जानकारी मिल जाएगी। इस उपकरण की मदद से आए दिन होने वाले रेल हादसों से बचा जा सकता है। यह उपकरण अगले तीन महीने के भीतर लगनी शुरू हो जाएगी। आरडीएसओ के अधिकारियों के मुताबिक, अल्ट्रासोनिक स्कैन डिवाइस तैयार कर ली गई है। इस डिवाइस की मदद से रेल पटरियों में टूट-फूट तुरंत पकड़ में आ जाएगी और हादसों को टालना आसान हो जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक विभाग रेल पटरियों में टूट-फूट से निपटने के लिए अभी तक सिंगल व डबल रेल टेस्टर स्कैन विधि का इस्तेमाल करता आ रहा था। लेकिन अब दो से तीन महीने में यह मशीन ट्रैक पर लगनी शुरू हो जाएगी और जल्द ही इसका असर दिखने लगेगा। रेलवे इस तरह के आधुनिक डिवाइस की कमी लंबे अरसे से महसूस कर रहा था। इस डिवाइस के बनने के बाद पटरियों की बेहतर तरीके से जांच की जा सकेगी। इससे रेल हादसों पर लगाम लगने की उम्मीद है।
आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि नई डिवाइस से काफी उम्मीद बंधी है। रेलवे पटरियों में टूट-फूट व अन्य खामियां पकड़ने के लिए अभी तक सिंगल व डबल रेल टेस्टर स्कैनर विधि का इस्तेमाल करता आ रहा है। इस तकनीक में किसी भी तरह की खामियों का डाटा लगातार रिकॉर्ड नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि पुरानी तकनीक के इस्तेमाल में एक ऑपरेटर की भी जरूरत पड़ती थी, जो डाटा पर लगातार नजर रखे रहता था। ऑपरेटर अगर सतर्क नहीं हुआ तो सही डाटा नहीं मिल पाता था।
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