लखनऊ । उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से श्रमिकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार को गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक से पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर यहां पहुंचेंगी। इसके बाद इन मजदूरों को उनके अपने जिले पहुंचाने के लिए हजारों बसें चलाने का फैसला लिया गया है। अन्य राज्यों से आए मजदूरों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड 19 की टीम-11 के अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की। बैठक में हुए फैसले के आधार पर कामगारों को गृह जिले तक पहुंचाने के लिए 10 हजार बसों की व्यवस्था की गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गृह जिला पहुंचने के बाद उन्हें शासन के क्वारंटीन सेंटर ले जाया जाएगा, जहां उनका हेल्थ चेकअप होगा। इसके बाद उन्हें जरूरत के मुताबिक होम क्वारंटीन किया जाएगा या अस्पतालों में भेजा जाएगा। इस कार्य के लिए पूरे प्रदेश में 50 हजार से अधिक मेडिकल टीमें लगाई गई हैं।
ये टीमें हॉटस्पॉट व क्वारंटीन सेंटरों में स्क्रीनिंग, चेकअप और टेस्टिंग कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने क्वारंटीन सेंटरों और आश्रय गृह में 11 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था की है। यहां आने वालों को कम्युनिटी किचन के जरिए भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग किए गए हैं। अब क्वारंटाइन सेंटर भी जियो टैग किए जा रहे हैं। चेकअप में स्वस्थ पाए गए लोगों को खाद्यान्न के पैकेट और जरूरतमंद निराश्रित लोगों को भरण-पोषण भत्ता देकर घर भेजा जाएगा। जो लोग चेकअप में अस्वस्थ पाए जाएंगे, उन्हें हेल्थ सेंटरों में उपचार के लिए भेजा जाएगा।
--आईएएनएस
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