लखनऊ । कोरोना के इस काल में खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जा रहे हैं। इसकी वजह कोरोनायरस और सामान्य फ्लू के लक्षणों का आपस में मिलना है। प्रदेश सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना आ रही सैकड़ों काल इसकी तस्दीक करती हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सवाल यह है कि दोनों में फर्क कैसे किया जाए। क्या खांसी और बुखार आते ही आपको कोरोना की जांच करानी चाहिए? माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ. टी.एन.ढोल के मुताबिक दोनों में काफी बारीक फर्क है। शुरूआती लक्षण काफी-कुछ मिलते-जुलते हैं, लेकिन पहचान करना संभव है। डॉ. ढोल एसजीपीजीआई में सीनियर माइक्रोबायोलाजिस्ट रहे हैं। इस वक्त हिन्द इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में माइक्रोबायोलाजी विभाग के हेड हैं।
डॉ. ढोल के मुताबिक बुखार के साथ अगर सांस लेने में तकलीफ और सूखी खांसी है तो सावधान हो जाना चाहिए। इसके अलावा अगर खांसी के साथ गले में खराश हो रही है तो व्यक्ति फौरन डॉक्टर से संपर्क करे। डाक्टर कोरोना टेस्ट कराएगा और जरूरी दवाएं देगा जिससे पकड़ में आ जाएगा कि मरीज कोरोना से संक्रमित तो नहीं।
डॉ. ढोल ने कहा कि कोरोना में खून में आक्सीजन की कमी (40 से 50 प्रतिशत) हो जाती है। यह भी एक लक्षण है कोरोनावायरस को पहचाने का। उन्होंने कहा कि इसकी जांच पल्स आक्सीमीटर नाम की मशीन से किया जा सकता है। इस मशीन को हाथ की किसी उंगली में लगाने पर आक्सीजन लेवल पता चल जाता है जिससे झट कोरोना के बारे में पता चल सकता है।
कोरोना के लक्षण :
सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश होने के साथ सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, बुखार
सामान्य फ्लू के लक्षण
जुकाम (नाक बहना), बुखार- खांसी, सिरदर्द, आंखों का लाल होना या आंखों में पानी आना आदि हैं।
--आईएएनएस
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope