लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और इसके आस-पास के जिलों के जिन गांवों में रोडवेज सेवा नहीं है, वहां इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए निर्धारित मार्गो को चिन्हित कर लिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लखनऊ क्षेत्र के प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया, "राजधानी लखनऊ से बाराबंकी, रायबरेली और आसपास के जिलों में जिन गांवों में बस सेवा नहीं है, वहां सेवाओं की शुरुआत इसी माह से हो जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया में जिन ऑपरेटरों के पास सही हालत में बसें हैं, उन्हें प्रमुखता दी जाएगी। इसके लिए निर्धारित मार्गो का चयन हो गया है। कुल 52 रूटों पर बसें चलेंगी। इसी माह शुरू होने वाली इन ग्रामीण बसों से हजारों लोगों की राह आसान होगी।"
असेवित गांवों (जहां पर कोई भी बस सेवा नहीं है) को बस सेवा से जोड़ने के लिए परिवहन निगम बोर्ड पहले ही 'साधारण ग्रामीण अनुबंधित बस योजना-2019' पर मुहर लगा चुका है। इस योजना के अर्न्तगत अनुबंध के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों को रोडवेज बसों से जोड़ते हुए असेवित गांवों और कस्बों को निकटतम जिला मुख्यालय तक जोड़ना है।
ज्ञात हो कि इस बारे कई बार बातें तो की गईं, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। इसे देखते हुए परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने इस योजना में बदलाव के निर्देश देते हुए नियमों को शिथिल करने को कहा। नतीजा करीब 56 बस अपरेटर 52 मागरें पर बस संचालन के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया में आ गए। इस बार उन बस आपरेटरों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके पास बसें तैयार हैं।(आईएएनएस)
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