लखनऊ। रक्षा विज्ञान एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने कहा है कि डीआरडीओ 1800 उद्योगों के साथ मिलकर काम कर रहा है। आधुनिक तकनीकों पर काम करके अब तक कई हथियार तैयार किए जा चुके हैं। ये हथियार जल्द ही सेना को सौंप दिए जाएंगे। नई तकनीक पर काम करने का सिलसिला जारी रहेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चेयरमैन रेड्डी ने कहा कि डीआरडीओ के लिए मेक इन इंडिया एक सुअवसर है। यह देशी तकनीक पर काम करता है। अभी तक हमने कई इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर अनेक रक्षा उत्पादों का विनिर्माण किया है। आकाश मिसाइल का 2500 करोड़ का विनिर्माण इसका बड़ा उदाहरण है। इसके साथ हम 1800 इंडस्ट्रीज के साथ काम कर रहे हैं।
रेड्डी ने कहा कि ये उद्योग हमसे कुछ न कुछ तकनीक लेकर टायर-1, टायर-2, टायर-3 टाइप की इंडस्ट्रीज चला रहे हैं। अभी तक हम 900 से ज्यादा तकनीक इंडस्ट्रीज को हस्तांतरित कर चुके हैं। आपने देखा होगा कि 1500 तकनीक 17 इंडस्ट्रीज को हस्तांतरित की गई हैं। इस साल भी अभी तक 40 तकनीक हमने भारतीय इंडस्ट्रीज को ट्रांसफर की है।
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