बराबंकी । उत्तर प्रदेश की बांदा
जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम
नहीं ले रही है। बाराबंकी पुलिस ने एंबुलेंस केस में मऊ के श्याम संजीवनी
अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को गिरफ्तार कर
लिया है।
इस प्रकरण में फर्जी दस्तावेजों पर अलका राय से साइन कराने वाले मऊ के
राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बाराबंकी के पुलिस
अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि एसआईटी जांच के बाद यह गिरफ्तारी की गई
है। डॉ. अलका राय पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एम्बुलेंस का पंजीकरण कराने
का आरोप है। दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में
एक आरोपी राजनाथ यादव की गिरफ्तारी पहले हो हो चुकी है।
बिना कागजात
और फिटनेस के प्रयोग में लाई गई एंबुलेंस के मामले में बाराबंकी में केस
दर्ज किया गया था। बाराबंकी पुलिस ने इस मामले में मऊ की भाजपा नेता डॉक्टर
अलका राय के अस्पताल का नाम आने के बाद मऊ जाकर पड़ताल की। इस मामले में
मुख्तार के खास राजनाथ यादव को पकड़ा गया। बाराबंकी पुलिस जब मऊ गई थी तो
डॉक्टर अलका राय के बयान के आधार पर मऊ के थाना सराय लखनी के अहिरौली गांव
निवासी राजनाथ यादव को पकड़ा था।
उस पर आरोप है कि उसने डॉक्टर राय
पर एंबुलेंस को लेकर दबाव बनाया था। उससे पूछताछ के बाद बाराबंकी पुलिस ने
सोमवार रात मऊ से डॉ. अलका राय और उनके भाई को गिरफ्तार किया है।
इन
सभी पर फर्जी कागजात के आधार पर एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप
है। अब इस केस में मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया है।
पंजाब
की रूपनगर जेल में बंद बसपा विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी की मोहाली कोर्ट
में जिस एंबुलेंस से पेशी कराई गई थी, उसके चर्चा में आने के बाद से ही
मामला तूल पकड़ गया था। बीती 31 मार्च को जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़
जेल में बंद था तब उसे एक यूपी नंबर की एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश
किया गया था। इस एंबुलेंस पर बाराबंकी का नंबर था। इस मामले में पुलिस का
शिकंजा कसते ही मुख्तार के गुर्गे उसे रुपनगर में एक ढाबे के पास लावारिस
हालत में छोड़कर फरार हो गए थे। बाराबंकी पुलिस एंबुलेंस को पंजाब से अपनी
कस्टडी में ले चुकी है।
एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) का बाराबंकी
कनेक्शन निकलने के बाद परिवहन विभाग व स्वास्थ्य विभाग ने दस्तावेजों की
पड़ताल की गई। पता चला कि यह एंबुलेंस के पंजीकरण में परिवहन विभाग में मऊ
के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल का लेटर और डॉक्टर अलका राय का वोटर कार्ड लगाया
गया था। इसमें भी रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट व मकान का पता फर्जी पाया गया।
एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन डॉक्टर अलका राय के नाम दर्ज है, इसलिए बाराबंकी
के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने उनके खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया।
--आईएएनएस
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