लखनऊ। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में एससी एवं एसटी के विकास के लिए कुल 4732 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए हैं। कठेरिया ने लखनऊ स्थित योजना भवन में गुरुवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह बात कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामलों में क्रॉस एफआईआर न हो, इसके लिए पुलिस अधिकारियों से चर्चा की गई है। प्रदेश में ऐसे बड़े मामले हैं, जिनमें चार्जशीट नहीं लगी, कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं यूपी के 10 विभाग स्पेशल कंपोनेंट का पैसा भी नहीं खर्च कर पाए हैं।
कठेरिया ने कहा कि इनमें बेसिक शिक्षा 670 करोड़, पीडब्ल्यूडी 1354 करोड़, चिकित्सा, ग्राम्य विकास विभाग 1166 करोड़ खर्च नहीं कर पाए। वहीं बिजली विभाग भी 337 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सका है।
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि सभी अधिकारियों को पत्र जारी करें और अगले साल की योजना अभी से तय करें।
कठेरिया ने कहा कि हत्या और दुष्कर्म की घटनाओं में कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर सभी मामलों में कार्रवाई का भरोसा दिया है। पिछले वर्षों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति भी नहीं मिली है।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर योगी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि घटनाओं की दृष्टि से उत्पीड़न का आंकड़ा ज्यादा है, पर जनसंख्या की तुलना में यूपी का यह आंकड़ा काफी पीछे हो जाता है।
--आईएएनएस
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