लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलाने के खिलाफ बेहद सख्त रुख अख्तियार किया है। योगी के निर्देश के बाद शनिवार को उनके प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल ने सभी जिलाधिकारियों के अलावा पुलिस अधीक्षक को भी पराली जलाने पर रोक के बाद भी अंकुश न लगने पर सख्ती बरतने को कहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलाने पर रोक को लेकर निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि किसी हाल में पराली जलाने की घटना न हो। प्रमुख सचिव एस.पी. गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश के सभी कमिश्नरों तथा जिलाधिकारियों से वार्ता की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले मुख्यमंत्री ने गन्ना एप के उद्घाटन कार्यक्रम में किसानों से पराली, गन्ने की पत्तियां और खरपतवार न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा, "किसानों को पराली की कीमत देने के प्रयास किए जा रहे हैं। पराली से बायोफ्यूल बनाया जाएगा। हर जिले में बायोफ्यूल प्लांट लगाए जाएंगे।"
उन्होंने किसानों से पराली न जलाने और अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। योगी ने कहा, "पराली में आग लगाने से भूमि की उर्वरता खत्म होती है और प्रकृति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। मनुष्य व अन्य जीव जंतुओं के साथ पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। पराली जलाने से खेती के लिए उपयोगी कीट नष्ट हो जाते हैं। पराली को कूटकर जुताई करने और पानी देने से वह खेत में कंपोस्ट का काम करती है।"
ज्ञात हो कि वातावरण में फैल रहे प्रदूषण का एक प्रमुख कारण पराली जलाने को माना गया है। लेकिन रोक के बाद भी पराली जलाया जाना जारी। पराली जलाने पर रोक की तहसीलवार सघन निगरानी की जा रही है। सैटेलाइट सर्वे और स्थलीय जांच के आधार पर लगातार किसानों को नोटिस देने के साथ उनको हिरासत में लेने के मामले सामने आने पर भी इसपर रोक नहीं लग पा रही है।
--आईएएनएस
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