• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

विध्वंस का काम तो हो चुका है, अब मंदिर निर्माण की बारी -विनय कटियार

Demolition work has been done, now it is the turn of temple construction - Vinay Katiyar - Lucknow News in Hindi

लखनऊ । विनय कटियार की पहचान भाजपा के मुखर नेता और बजरंग दल के पूर्व संयोजक के रूप में होती है। बजरंग दल के कैडर 1992 में अयोध्या में हुई कारसेवा में प्रमुख रूप से शामिल थे। जब अयोध्या में 30 साल पहले कारसेवा हुई थी तो वो बजरंग दल के संयोजक थे।

विनय कटियार फैजाबाद के सांसद भी रह चुके हैं। वो यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

तीस साल पहले अयोध्या प्रकरण को लेकर हमारे वरिष्ठ संवाददाता सैयद मोजिज इमाम ने उनसे कई विषयों पर बात की।

पेश है उसके कुछ अंश,

सवाल- 6 दिसंबर, 1992 को आप लोग अयोध्या में प्रतीकात्मक कारसेवा के लिए जुटे थे, अचानक वहां का माहौल कैसे बदल गया ?

उत्तर- हम लोगों ने तो केवल प्रतीकात्मक कारसेवा के लिए ही कहा था लेकिन उस दिन कारसेवकों का धैर्य जवाब दे गया। उनके मन में था कि बार-बार बुलाते हैं, कुछ काम होता नहीं है। सरयू नदी से मिट्टी लाकर वहां डाली जाए, इसका कोई मतलब नहीं है। इसलिए कारसेवक गुस्से में आकर ढांचे पर चढ़ गए और गुस्से में ढांचे को ध्वस्त कर दिया। मंदिर बनने के लिए ढांचे का हटना जरूरी था, इसलिए यह हट गया। इसका श्रेय सिर्फ कारसेवकों को ही है। उन्होंने तन्मयता से लगकर ढांचे को हटा दिया और उसके बाद हम सब लोगों को जेल जाना पड़ा।

सवाल- लेकिन अचानक कारसेवकों को गुस्सा क्यों आ गया?

उत्तर- लोग नाराज थे कि कारसेवा के लिए बार-बार बुलाया जा रहा था। लोग बार-बार अपना किराया-भाड़ा खर्च कर आते थे लेकिन कुछ काम नहीं हो रहा था। वो दिसंबर का महीना था, सर्दी का मौसम था। लोग काफी परेशान भी हो रहे थे और उनके मन में बार-बार यही विचार आ रहा था कि इस बार इस काम को पूरा करके ही चला जाए और उन्होने काम पूरा कर दिया।

सवाल-6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में किस तरह का माहौल था?

उत्तर- 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या का वातावरण काफी भावुक था, वो दिन बलिदान का दिन था। बहुत सारे कारसेवक जो उस गुंबद पर चढ़े थे , इस उम्मीद के साथ नहीं चढ़े थे कि ढ़ांचा गिर जाएगा। कई लोग गिरकर शहीद भी हो गए। ढांचा भी कमजोर था, अपने आप भी गिर सकता था और लोगों के दबने का भी डर था, लेकिन कारसेवकों ने शौर्य दिखाया। 6 दिसंबर 1992 का वह दिन शौर्य दिवस है। ढांचा कैसे हटा , क्या हुआ यह बताने की जरूरत नहीं है। सारा देश जानता है , सबको मालूम है कि क्या हुआ था।

सवाल- लेकिन उस घटना के बाद आपकी पार्टी के ही कई नेताओं ने इस पर दुख जाहिर किया था।

उत्तर- हम यह चाहते थे कि यह ढांचा वहां से हट जाए लेकिन इस तरह से हटेगा, इसकी कल्पना नहीं की थी। लेकिन मुझे घटना पर कोई दुख नहीं हुआ, क्योंकि ढांचे को तो हटना ही था।

सवाल- लेकिन विपक्षी पार्टियां और नेता, आज भी 6 दिसंबर, 1992 की घटना के लिए आपकी आलोचना करते रहते हैं।

उत्तर- इसलिए तो विपक्ष की लुटिया डूब गई है। वो कहीं के नहीं रह गए हैं और आगे भी नहीं रहने वाले हैं। इन लोगों ने राम मंदिर निर्माण में बाधा डाली है। उनकी सरकारों ने बाधा डाली है, लेकिन जनता के सैलाब के आगे ये सब ध्वस्त हो गए। विध्वंस का काम तो हो चुका है और अब निर्माण की बारी है। अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है।

सवाल-इस आंदोलन के साथ युवाओं को जोड़ने की अहम जिम्मेदारी आपको मिली थी। बजरंग दल के जरिए आपने कैसे इस आंदोलन को धार दी?

उत्तर- साल 1984 में जब हम लोगों ने आंदोलन शुरू किया था, उस समय काफी समय लगा क्योंकि पूरे देश के लोगों को भावनात्मक तौर पर इस आंदोलन से जोड़ना था , युवाओं को जोड़ना था। उस समय हमने बजरंग दल के निर्माण के बारे में सोचा। आदरणीय अशोक सिंघल जी से पूछा तो उन्होने हमें सहर्ष अनुमति दे दी। परमहंस रामचन्द्र दास जी को इसका संरक्षक बनाया गया और इस प्रकार साधु-संतों के आशीर्वाद से बजरंग दल का गठन हुआ। उस समय कुछ लोग हम पर हंस रहे थे कि वानर का नाम ले लिया लेकिन हमने एक सोची समझी रणनीति के तहत इसका गठना किया था। भगवान जो करता है , अच्छा करता है।

सवाल - लेकिन अब आपकी पार्टी के नेता फिर से काशी और मथुरा की बात करने लगे हैं?

उत्तर-मथुरा में आंदोलन शुरू हो चुका है और यह सही है। वहां मंदिर बना हुआ है और हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि वहां से ईदगाह ( मस्जिद ) को हटा लिया जाए क्योंकि वह जन्मभूमि का स्थान है। यह जमीन हिंदू समाज को मिलनी चाहिए। मुस्लिम पक्ष से भी मेरी अपील है कि इस जगह को हिंदू समाज को दे दें, क्योंकि मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण विराजमान है।

सवाल- जब आंदोलन शुरू किया था , तब आप लोगों की क्या मनोदशा थी? आप लोगों को उस समय यह लगता था कि आपका यह आंदोलन कामयाब हो पाएगा , आप लोगों को उस समय क्या लग रहा था कि कितने साल में आप लोग कामयाब हो पाएंगे?

उत्तर- देखिए कितने साल में हमारा यह आंदोलन कामयाब होगा यह उस समय सोचा नहीं था लेकिन हमारे मन में यह ²ढ़ विश्वास था कि हम कामयाब जरूर होंगे। हां इसमें समय जरूर लगा। लोगों को शहीद होना पड़ा , अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। लेकिन हम कामयाब हुए और बलिदान का नहीं निर्माण का समय आ गया है। अब जो भी राम भक्त अयोध्या जा रहे हैं उन सबको संतुष्टि मिल रही है। हमें भी संतुिष्ट मिल रही है। 1984 में जब हमने अयोध्या से लखनऊ तक की पदयात्रा निकाली तो सब हंसते थे। लेकिन उस समय हमें साधु-संतो का आशीर्वाद मिला। नागा साधु जो कुंभ के अलावा कहीं नहीं जाते थे, वो भी आए। कहां से आए और कब चले गए पता ही नहीं चला।

सवाल-अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है , इसे लेकर आप क्या कहेंगे?

उत्तर- यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बन रहा है और यह आदेश पारित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच में सभी धर्मों के जज थे, सबने एकमत से राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया, यह मामूली बात नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपने आप में ऐतिहासिक आदेश था। उसी आदेश के बाद हम लोगों ने निर्माण कार्य शुरू किया।

सवाल- आज के दिन , 6 दिसंबर की घटना को लेकर आप क्या सोचते हैं?

उत्तर-मंदिर निर्माण के लिए ढांचे का विध्वंस होना जरूरी था लेकिन अब विध्वंस का नहीं निर्माण का समय है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मंदिर की नींव पड़ गई है और तेजी से भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। बहुत जल्द ही भव्य राम मंदिर निर्माण बन कर तैयार हो जाएगा। आज आत्मसंतुष्टि हो रही है , मैं बहुत संतुष्ट हूं और सारे राम भक्त भी बहुत संतुष्ट है।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Demolition work has been done, now it is the turn of temple construction - Vinay Katiyar
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: vinay katiyar, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, lucknow news, lucknow news in hindi, real time lucknow city news, real time news, lucknow news khas khabar, lucknow news in hindi
Khaskhabar UP Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

उत्तर प्रदेश से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2023 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved