लखनऊ । उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक कदम और बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उप्र रक्षा व एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2018 को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इसके साथ ही राज्य में डिफेंस कॉरीडोर के माध्यम से लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के संभावित निवेश का रास्ता साफ हो गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लखनऊ स्थित लोकभवन में आयोजित बैठक में कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय और प्रमुख सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे।
बैठक में किए गए फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा, "आज की कैबिनेट की बैठक में सबसे अहम फैसला लिया गया है। उप्र रक्षा एवं एयरोस्पेस नीति को मंजूरी मिल गई है। इस नीति के अमल में आने के बाद उप्र में रक्षा क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी।"
अनूप चंद्र पांडेय ने कहा, "उप्र में पिछले दिनों हुई इनवेस्टर्स सम्मिट में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में डिफेंस कॉरीडोर बनाने की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए सरकार ने अब उप्र रक्षा तथा एयरोस्पेस एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत अगले पांच वषरें में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।"
पांडेय ने कहा, "अगले पांच वर्षो में इससे 2़5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। डिफेंस कॉरीडोर के लिए जिन जिलों की पहचान पहले दौर में की गई है, उसमें अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, लखनऊ शामिल हैं। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान बुंदेलखंड इलाके पर रहेगा।"
मुख्य सचिव ने बताया, "डिफेंस कॉरीडोर के लिए उप्र एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। कॉरीडोर में आधारभूत ढांचा विकसित करने की जिम्मेदारी यूपीडा संभालेगा। यह मेगा एंकर यूनिट और एंकर यूनिट के तहत विकसित किया जाएगा।"
पांडेय ने बताया, "1000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को मेगा एंकर की श्रेणी में रखा जाएगा। इसमें बड़ी कंपनियां शामिल होंगी। इसके तहत हवाई जहाज, टैंक और हेलीकॉप्टर का निर्माण किया जाएगा। एंकर यूनिट के तहत एक हजार करोड़ रुपये से कम निवेश वाली कंपनियां शामिल होंगी।"
उप्र में बनने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर प्रमुख सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने बताया, "बैंक से ऋण लेने की मंजूरी कैबिनेट से मिल गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जिसमें 7,800 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी मिल गई है, जबकि 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी अगले एक महीने के भीतर कर ली जाएगी।"
--आईएएनएस
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