लखनऊ । उत्तरप्रदेश में इस माह की शुरुआत में वन्यजीव अभ्यारण्यों को पर्यटकों को खोल दिया गया था और इससे पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जो इससे कुछ उम्मीद लगाए बैठे थे, उन्हें अबतक निराशा ही हाथ लगी है। इस सीजन में जो अभ्यारण्य पर्यटकों से गुलजार रहता था, आज वो सूना पड़ा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वन अधिकारियों का कहना है कि कोविड पाबंदी की वजह से लोग अभ्यारण्य कम जा रहे हैं। कोविड पाबंदी की वजह से 65 से अधिक उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं, एक से ज्यादा बीमारी वाले लोग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे बाहर नहीं जा सकते।
डीटीआर के एक अधिकारी ने कहा, "दुधवा टाइगर रिजर्व मूलत: पारिवारिक लोग घूमने आते थे। अब लोग अपने बच्चे को छोड़कर छुट्टियां मनाने तो नहीं आ सकते। वास्तव में बच्चे यहां सबसे ज्यादा आनंदित होते थे। वे जंगली जानवारों को देखकर खुश होते थे।"
इस वर्ष के सीजन के पहले 15 दिन, यूपी वन निगम ने केवल 191 आगंतुकों को दर्ज किया। इनमें से 130 तो दुधवा नेशनल पार्क के हीं थे।
इस दौरान विभाग को कुल 6 लाख की राशि प्राप्त हुई। जिसमें से 4 लाख दुधवा, कटरनियाघाट में 1.9 लाख और पीलीभीत में 28,000 रुपये की कमाई हुई।
बीते साल 15 नवंबर से 30 नवंबर के बीच, दुधवा में 159 पर्यटक, कटरनियाघाट में 135 और चुका घाट मे 73 पर्यटक आए थे।
उत्तरप्रदेश फोरेस्ट कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर इवा शर्मा ने कहा, "पाबंदी के बावजूद, दिवाली के दौरान हमें दुधवा में अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली। चुका घाट में कॉटेज के मौजूदा नवीनीकरण की वजह से पर्यटकों की संख्या सीमित रही।" (आईएएनएस)
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