कदम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता त्रिपाठी ने कहा, 14 नवंबर
को हम पूर्व सांसद संतोष सिंह के घर पर गए और पंडित जवाहरलाल नेहरू को
श्रद्धांजलि दी। हमने पार्टी के मामलों पर चर्चा की और इसमें कुछ भी गलत
नहीं है। उन्होंने आगे कहा, पार्टी हाईकमान के साथ चीजों पर चर्चा करना
अनुशासनहीनता नहीं है और अगर वर्तमान नेतृत्व ऐसा सोचता है, तो मुझे कुछ
नहीं कहना है।
पूर्व विधायक हाजी सिराज मेहंदी ने आईएएनएस से कहा, हम सभी
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य हैं और राज्य इकाई के पास
हमें ऐसा नोटिस भेजने की शक्ति नहीं है। पार्टी में वर्तमान में जिस तरह से
सभी वरिष्ठ नेताओं को नई समिति द्वारा दरकिनार किया जा रहा था, उस पर
असंतोष व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में बैठकें की थीं।
(IANS)
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