लखनऊ । उत्तर प्रदेश में
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने तीन-स्तरीय पंचायत के 8.88 लाख से अधिक
पदों के लिए होने वाले चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में 12.8
करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदान मतपत्र के जरिए
होगा।
दुनिया के सबसे बड़े मतदान के रूप में लोकप्रिय यह मतदान लगभग 59,000 ग्राम
प्रधानों और गांव, ब्लॉक और जिला स्तर की समितियों के शेष सदस्यों के
चुनाव का गवाह बनेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंचायत चुनाव अभी भी मतपत्र (बैलेट पेपर) के माध्यम से कराया जाता है।
साल
2015 में तत्कालीन चुनाव आयुक्त एस. के. अग्रवाल ने ईवीएम पर चुनाव कराने
का प्रयास किया था, लेकिन अधिक खर्च होने के कारण इस निर्णय को टाल दिया
गया था।
एसईसी के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, ईवीएम का उपयोग करने
पर लगभग 1,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि बैलट पेपर के उपयोग पर लगभग
45 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीदवारों और चुनाव-चिह्नों की बड़ी संख्या को देखते हुए ईवीएम को उसके लिए तैयार करना होगा।
अप्रैल में माध्यमिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने के कारण उससे पहले, मार्च में पंचायत चुनाव कराए जाने की संभावना है।
--आईएएनएस
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