लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के चिकित्सकों की कार्यशैली
के लिए उन्हें सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि प्रदेश में जांच के
नाम पर लूट मची है, कई डॉक्टर
गैंग की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने चिकित्सकों से कहा, "डॉक्टरों में मरीजों के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक है। प्रेम से बोलने पर
आधी बीमारी गायब हो जाती है। डॉक्टर पैसे के लिए नहीं बल्कि दुआ के लिए काम
करें।" साथ ही कहा कि सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस न करें।
मुख्यमंत्री बुधवार को राजधानी के केजीएमयू में नए वेंटीलेटर का
उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने यहां 56 नए वेंटीलेटर का
उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदेश सरकार अगले
पांच वर्षो में छह एम्स के स्तर के अस्पताल खोलेगी। इसके साथ ही सूबे में 25
मेडिकल कॉलेज भी बनाए जाएंगे। चिकित्सा के क्षेत्र में केंद्र से
मिलने वाले बजट को हर हालत में 31 मार्च तक खर्च कर लिया
जाना चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "चिकित्सकों को
गरीबों की मदद करनी चाहिए। हो सकता है कि गरीबों से पैसा नहीं मिले, लेकिन दुआ जरूर मिलेगी। दुआओं का बहुत असर होता है। यह सुनिश्चित किया
जाना चाहिए कि अंतिम व्यक्ति को भी इलाज मिले।"
उन्होंने कहा कि उप्र में जांच के नाम पर लूट मची हुई है। यहां कई
डॉक्टर गैंग की तरह काम कर रहे हैं। योगी ने डॉक्टरों को नसीहत देते हुए कहा कि डॉक्टरों
को गैंग की तरह काम नहीं करना चाहिए।
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