लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने जेवर हवाई अड्डे के चल रहे निर्माण के कारण विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए 3,301 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जेवर में बहुप्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) की औपचारिक रूप से आधारशिला रखेंगे।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार लगभग 7,224 प्रभावित परिवारों को विस्थापन के कारण उनके पुनर्वास के लिए 403 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
लाभार्थियों में रोही के 2,368, दयानतपुर के 2,659, किशोरपुर के 936, रणहेड़ा के 613, परोही के 573 और बनवारीवास के 75 लोग शामिल हैं।
जेवर बांगर क्षेत्र में 3,003 विस्थापित परिवारों को 25,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि आवंटित की गई है।
एशिया में सबसे बड़ा और भारत का पहला शुद्ध शून्य उत्सर्जन हवाई अड्डा, एनआईएएल, जिसकी अनुमानित लागत 29,560 करोड़ रुपये है, राज्य का पांचवा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। यूपी में पहले से ही तीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में हैं।
राज्य सरकार ने अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण में भी तेजी लाई है।
नोएडा हवाई अड्डा खासकर के उत्तर भारत के लिए एक रसद प्रवेश द्वार होगा। पूरे उत्तर भारत के लोग हवाईअड्डे के माध्यम से अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात कर सकेंगे।
इसे स्विट्जरलैंड स्थित ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा बनाया और संचालित किया जाएगा।
इसके अलावा, एनआईएएल के पास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्रॉनिक सिटी और अपैरल पार्क शामिल हैं। (आईएएनएस)
आम चुनाव-2024 : राजस्थान में 12 सीटों पर कम हुआ मतदान, बीजेपी में बेचैनी बढ़ी, 25 में से 25 सीटें जीतना मुश्किल
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
पाकिस्तान में बारिश का कहर, 87 लोगों की मौत, 80 से ज्यादा घायल
Daily Horoscope