योगी ने कहा कि 2014 से पहले इसी देश में एक अदद सिलेंडर लेने के
लिए रात 12 बजे से कतारें लगती थीं। सिलेंडर मिले या न मिले, पर विरोध किया
तो लाठियां जरूर बरसती थीं। आज घर बैठे मुफ्त कनेक्शन मिल रहा है। यह होता
है बदलाव।
उन्होंने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त
उदाहरण है, महिलाएं ही परिवार का भोजन बनाने के लिए हमेशा से चिंतित रही
हैं और सरकार ने इन महिलाओं की चिंता करते हुए उन्हें मुफ्त में रसोई गैस
के कनेक्शन वितरित करने का निर्णय लिया है । लकड़ी और कोयले पर खाना बनाने
को मजबूर हुई महिलाओं के सामने अब एक बेहतर विकल्प है। इस योजना के दूसरे
चरण में देश में एक करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने का
लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन देखे की
कम्पनी/एजेंसी का एक प्रतिनिधि लोगों को प्रशिक्षण जरूर दें।
चूल्हा-सिलेंडर के बीच की दूरी, सिलेंडर लीकेज की सावधानी।
सोनभद्र,
बांदा, महोबा, चित्रकूट, रायबरेली, हरदोई, बदायूं, अमेठी, फतेहपुर एवं
फरुर्खाबाद जिलों की लाभार्थी महिलाओं से वर्चुअली बातचीत करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की गृहिणी महिलाओं के सरल जीवन को सुनिश्चित
करने वाली उज्जवला योजना के पहले चरण की शुरूआत बलिया से हुई थी, तो दूसरे
चरण के शुभारंभ के लिए भी प्रधानमंत्री ने यूपी के महोबा को चुना।
'प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2.0' के तहत अब न केवल मुफ्त में एलपीजी
कनेक्शन मिल रहा है, बल्कि साथ में पहला रिफिल गैस सिलेंडर भी नि:शुल्क
दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना'' समाज के अंतिम पायदान पर
खड़ी महिलाओं के जीवन में व्यापक परिवर्तन कर उन्हें धुएं से होने वाली
बीमारियों से मुक्ति दिलाने का माध्यम बनी है। प्रधानमंत्री मोदी के
मार्गदर्शन में उज्जवला योजना 1.0 के अंतर्गत मातृशक्ति को 8 करोड़ एलपीजी
कनेक्शन दिए गए हैं।
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