लखनऊ । उत्तर प्रदेश में
गैरकानूनी धर्मातरण संबंधी प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी
है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट
की बैठक में गैरकानूनी धर्मातरण समेत 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट
'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' लेकर
आई है, जो राज्य में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को
इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के गृह विभाग ने लव जिहाद के
खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस मसौदे को
परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था। हालांकि विभाग ने
कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें 'लव जिहाद' शब्द का जिक्र नहीं है।
इसे गैर कानूनी धमार्ंतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है।
मंगलवार की
सुबह यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग
धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं, लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध
रूप से धर्मातरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का
प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रूप से धर्मातरण कर शादी करने पर रोक
लगेगी।
कैबिनेट की बैठक में इसे पेश किया गया। गृह विभाग ने इसका
मसौदा पहले तैयार कर लिया था। इसको परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेज
दिया गया था। अब इस मसौदे को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी
मिलने के बाद यह प्रभावी हो जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से आए
फैसले के बाद थोड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने एक धर्म से दूसरे धर्म
में शादी पर नया कानून सरकार ने पास किया है। अब दूसरे धर्म में शादी से दो
माह पहले नोटिस देना अनिवार्य हो गया है। इसके साथ ही डीएम की अनुमति भी
जरूरी हो गई है। नाम छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है।
उत्तर
प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि यूपी कैबिनेट
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई
है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं
को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं,
जिनमें जबरदस्ती धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसके अंदर छल-कपट, बल से
धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इस पर कानून बनाना एक आवश्यक नीति बनी, जिस
पर कोर्ट के आदेश आए हैं। मंगलवार को कैबिनेट अध्यादेश लेकर आई, जिसे
मंजूरी दे दी गई।
पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एक फैसले में महज शादी
के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध ठहराया था। प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि शादी के लिए धर्म बदलना
स्वीकार्य नहीं है। विवाह के लिए धर्म पर्वितन आवश्यक नहीं है। इस फैसले
के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि सरकार एक प्रभावी
कानून बनाएगी। इस कानून के जरिए सरकार नाम, पहचान और अपना धर्म छिपाकर बहन
बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों से सख्ती से पेश आएगी।
लव
जिहाद पर कानून लाने के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें इस कानून
के बनने के बाद इसके अंतर्गत अपराध करने वालों को पांच से दस वर्ष की सजा
का प्रावधान है। इसके साथ ही अब शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन भी नहीं किया
जा सकेगा। इतना ही नहीं, शादी कराने वाले मौलाना या पंडित को उस धर्म का
पूरा ज्ञान होना चाहिए। कानून के मुताबिक धर्म परिवर्तन के नाम पर अब किसी
भी महिला या युवती के साथ उत्पीड़त नहीं हो सकेगा। ऐसा करने वाले सीधे जेल
में होंगे।
आपको बता दें कि जिहाद शब्द का अर्थ इस्लाम में 'धर्म की
रक्षा के लिए युद्ध करना' है। इस समय चल रहा लव जिहाद शब्द एक गढ़ा हुआ
है। इस्लाम धर्म में इस शब्द का मतलब शादी या प्रेम का झांसा देकर धर्म
परिवर्तन करवाने से समझा जाता है। कथित रूप से मुस्लिम पुरुषों द्वारा
गैर-मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए
प्रेम का नाटक करना।
--आईएएनएस
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