हालांकि मायावती ने पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि यदि
भीम आर्मी या कोई भी दलित संगठन वास्तव में समुदाय को सशक्त बनाने के लिए
काम करना चाहते हैं, तो उन्हें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और बसपा के
संस्थापक कांशी राम द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को बसपा की अगुआई में आगे
लेकर जाना चाहिए। वहीं चंद्र शेखर द्वारा मायावती को बुआ कहे जाने पर बसपा
सुप्रीमो ने साफ कर दिया था कि उनका चंद्र शेखर के साथ कोई संबंध नहीं है।
इससे पहले भी लोकसभा अभियान के दौरान मायावती ने दलितों को भीम आर्मी को
लेकर सावधान किया था।
(आईएएनएस)
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