लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी किसी भी दशा में न तो पहले कांग्रेस से हार मानी है और न ही वर्तमान में भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद व अन्य हथकंडों से हार मानने वाली है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पार्टी के राज्य कार्यालय में आयोजित बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के लगभग चार साल व इसी पार्टी के उत्तर प्रदेश में सत्ता में आए लगभग एक वर्ष होने जा रहा है, इसलिए देश और प्रदेश दोनों में हालात बेहतर होने के बजाय बदतर ही होते चले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जनता इनकी असलियत समझ चुकी है, इसलिए अब और ज्यादा भ्रमित होकर भाजपा के फरेब में आने को तैयार नहीं लगती। प्रधानमंत्री मोदी की बार-बार की भावुकता व उत्तर प्रदेश सरकार की भगवाकरण की राजनीति से प्रदेश की आम जनता का पेट नहीं भर पा रहा है और न ही यहां के लोगों की गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी व महंगाई कम होकर उन्हें थोड़ा राहत ही दे पा रही है। लिहाजा आमजनता के पास वोटबंदी का जो जबर्दस्त लोकतांत्रिक हथियार है, उसे वह भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।"
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 22 करोड़ जनता, गुजरात की तरह ही भाजपा को सबक सिखाने का मन बनाए हुई लगती है। सच तो सह है कि गुजरात की जनता ने भाजपा को नकार दिया है। मोदी और अमित शाह ने काफी तिकड़म कर किसी तरह फिर से सत्ता तो दिला दी, लेकिन 150 सीटें दिलाने का उनका दंभ धरा रह गया। उनकी पार्टी 100 सीटें भी नहीं जीत पाई। जब मोदी के अपने ही राज्य में पार्टी का जनाधार खिसक गया, तब और जगह क्या होगा, अनुमान लगाया जा सकता है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि देश की जनता खासकर नोटबंदी और नए कर कानून जीएसटी के आर्थिक जख्मों से कराह रही है, फिर भी भाजपा की केंद्र व राज्यों की सरकारें अनगिनत हवा-हवाई दावों से उनके जख्मों पर नमक छिड़कने से बाज नहीं आ रही है।
मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां शिक्षित बेरोजगारों को उनकी क्षमता व डिग्री के अनुसार नौकरी मुहैया कराने के बजाय उन्हें चाय व पकौड़ा बेचने के लिए मजबूर करना चाहती है। क्या ऐसे ही भारत आगे बढ़ेगा व आयुष्मान होगा?
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा किसी भी दशा में न तो पहले कांग्रेस से हार मानी है और न ही वर्तमान में भाजपा के हथकंडों से हार मानने वाली है। इसने अपने संघर्ष व त्याग से परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कारवां को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है, ताकि भारत उनके सपनों का असली समतामूलक राष्ट्र बन सके। विडंबना यह है कि भाजपा सरकार बाबा साहेब के बनाए संविधान को ही बदलने की बात करने लगी है। इनका इरादा ठीक नहीं है।
--आईएएनएस
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