लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता नसीमुद्दीन
सिद्दीकी को पार्टी से निष्कासित किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
ने कहा कि बसपा में हार के कारण रार मची हुई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा ने कहा है कि हताश बसपा अध्यक्ष मायावती हार के कारणों को स्वीकार
करने के लिए तैयार नहीं है और हार का ठीकरा कभी ईवीएम पर फोड़ती हैं तो कभी
नसीमुद्दीन पर संगीन आरोप लगाकर अपनी हताशा दूर करने का प्रयास कर रही
हैं। पार्टी ने कहा है कि बसपा भ्रष्टाचार की पोषक है, इसलिए उसके द्वारा
भ्रष्टाचार का आरोप लगाना हास्यास्पद है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता
राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मायावती को यह भी बताना चाहिए कि नसीमुद्दीन ने
चुनावों में किसके कहने पर धन उगाही की और उसका हिस्सा कहां-कहां पहुंचा।
त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दिकी तो सिर्फ कैशियर
की भूमिका अदा कर रहे थे, दलित वोटों की असली सौदागर तो स्वयं बसपा अध्यक्ष
हैं।
उन्होंने कहा, बसपा छोड़ने वाले कई नेताओं ने पहले भी ये
आरोप लगाए हैं, आज पहली बार बसपा ने इसकी स्वीकारोक्ति की है। बसपा नेता
नसीमुद्दीन सिद्दीकी तो मोहरा मात्र हैं। नोटबंदी के दौरान जिस तरह से बसपा
अध्यक्ष की छटपटाहट दिखी थी, वो नोटों के प्रति उनके प्रेम को दर्शा रही
थी।
प्रवक्ता ने कहा कि नसीमुद्दीन ने उप्र सरकार की वर्तमान
मंत्री स्वाति सिंह व उनकी पुत्री पर जब अभद्र टिप्पणी की थी, यदि तभी बसपा
ने निष्कासन की कार्रवाई की होती तो जनता बसपा का ये हश्र नहीं करती।
आईएएनएस
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