वहीं अकेले ब्रज क्षेत्र में कल (शुक्रवार) तक 104 लूट और 76 हत्याओं की
घटनाएं अंजाम दी जा चुकी है। आगरा में 21 लूट, 13 हत्याएं, फीरोजाबाद में
11 लूट, 6 हत्याएं, कासगंज में 10 लूट, 11 हत्याएं, मैनपुरी में 14 लूट, 8
हत्याएं, मथुरा में 17 लूट और नौ हत्याएं, एटा में 8 लूट और 10 हत्याएं,
अलीगढ़ में 12 लूट, 10 हत्याएं, जबकि हाथरस में 10 लूट और 9 हत्याएं हो
चुकी हैं। अन्य अपराधों के आंकड़े भी कम नहीं हैं।" ये भी पढ़ें - ये युवक रोज खा जाता है छिपकली और बिच्छू
गिरीश ने कहा,
"समूचे उत्तर प्रदेश के आंकड़ों का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। यही
वजह है कि मुख्यमंत्री जी अपराधों के आंकड़े देने से कतरा रहे हैं। इसके
अलावा इस अवधि में अल्पसंख्यकों के आस्थास्थलों पर 220 हमले हुए हैं जबकि
180 छोटी-बड़ी सांप्रदायिक वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। जगह-जगह
भाजपा के नेता पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों तक पर हमले कर रहे हैं।
योगीजी की कथित चेतावनियों का उन पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।"
सपा
मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी तंज कसते हुए डॉ. गिरीश ने
कहा, "जिस कानून व्यवस्था की बदहाली के नाम पर पिछली सरकार को मतदाताओं ने
`गुड बाय` कह दिया था, योगी सरकार उससे भी बुरी साबित हो रही है। योगी
सरकार अपने राजनैतिक उद्देश्यों के लिए सांप्रदायिक तत्वों और दबंगों को
खुली छूट दिए हुए है। अपनी इन बदनीयत कारगुजारियों से ध्यान हटाने को
भाजपा, आरएसएस और स्वयं योगी आदित्यनाथ सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे
को हवा दे रहे हैं।"
-आईएएनएस
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