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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में होने जा रहे छठे और सातवें चरण के चुनाव भाजपा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा ने जहाँ छठे चरण में पूर्वांचल की 14 सीटों में से आजमगढ़ सीट छोड़कर सभी 13 सीटें जीती थी। वहीं उसे इस बार उन्हें गठबंधन के साथ-साथ अपनी पार्टी के टिकट ना मिलने वाले सांसदो और बागियों से मुक़ाबला करना पड़ रहा है।
भाजपा के लिए ये चरण काफी अहम होने जा रहे हैं।
इसका कारण है कि भाजपा ने इसी क्षेत्र में मौजूदा सांसदों के सबसे ज्यादा टिकट काटकर नए प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में भाजपा के सामने टिकट कटने से नाराज सांसदों के विरोध के साथ गठबंधन से भी पार पाने की चुनौती है।
छठे चरण के लिए 12 मई को होने वाले मतदान में कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें सुल्तानपुर से केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी, इलाहाबाद से प्रदेश में काबीना मंत्री डा.रीता बहुगुणा जोशी, अम्बेडकर नगर से मुकुट बिहारी वर्मा और आजमगढ़ सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव को टक्कर देने के लिए मशहूर भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ' मैदान में हैं।इसी चरण में भाजपा ने सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी और पीलीभीत से सांसद मेनका गांधी की सीटों की अदला-बदली भी की है। वहीं सूबे में सहयोगी दल, अपना दल से प्रतापगढ़ सीट लेकर उन्हे दूसरी सीट राबर्टसगंज दी गयी है जबकि अपना दल (एस) की संस्थापक अनुप्रिया पटेल फिर से मिर्जापुर से चुनाव मैदान में है। बता दे कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल ने 2 और भाजपा ने 71 सीटे जीती थी।
इस बार भाजपा के कई सांसद टिकट न मिलने के कारण या तो पार्टी छोड़कर चले गए है या फिर असंतोष के कारण पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे है। ऐसे कई नेता है जैसे मछली शहर (सु.) से भाजपा ने मौजूदा सांसद रामचरित्र निषाद का टिकट काटकर बसपा से आए बीपी सरोज को प्रत्याशी बनाया। सरोज पिछली बार बसपा से लड़े थे और दूसरे नम्बर पर रहे थे। इससे नाराज रामचरित्र निषाद सपा में चले गए। सपा ने उन्हें मिर्जापुर से प्रत्याशी बनाया है।
भदोही के सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त को भाजपा ने बलिया से प्रत्याशी बनाया। वही भाजपा ने बसपा से आए रमेश बिंद को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे कई और नाम है जैसे कि संतकबीरनगर के सांसद, शरद त्रिपाठी जिन्हें भाजपा विधायक को पीटने का आरोप लगा था उनका टिकट काटा गया है, जिससे वो खासे नाराज हैं और उनकी जगह सहयोगी दल निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को भाजपा ने अपने चुनाव चिह्न ‘कमल' के साथ मैदान में उतारा है।
हालांकि उनको साधने के लिए उनके पिता रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से टिकट दिया गया है। इसी प्रकार हरिओम पाण्डे, अम्बेडकर नगर के सासद के साथ इलाहाबाद के श्यामा चरण गुप्ता सपा में चले गए है और बांदा से लड़ रहे है। ये सभी नेता कहीं न कहीं भाजपा के लिए मुश्किले बड़ा रहे है। कहीं पर वो पार्टी के विरोध में प्रचार कर रहे है तो कहीं अपने तटस्थ वोट बैंक को दूसरे दल में ट्रांसफर कराने कि जुगत में है।
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