लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सतर्कता विभाग द्वारा पकड़े गए 11 घूसखोरों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) योगी सरकार की कामयाबी बता रही है। पार्टी का कहना है कि जनता के लिए समर्पित योगी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। पार्टी ने शुक्रवार को चंदौली के एआरटीओ के निलंबन को इसी कार्रवाई का हिस्सा बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने शनिवार को कहा, "सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगाह किया था कि अफसरों को पुरानी आदतें छोड़नी पड़ेगी। लेकिन तमाम अफसरों और कर्मचारियों ने इस आदेश के बाद अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया है। ऐसे लोगों के खिलाफ गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई जा रही है और बहुत जल्द ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लोग सबूत इकट्ठा होते ही जेल जाएंगे।
शलभ ने कहा, "विजलेंस और एंटी करप्शन अफसरों को सीधे आदेश दिए गए हैं कि वे खुल कर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। इसके नतीजे दिखने भी लगे हैं। तमाम अफसर और कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा गया है। इनमें दो राजपत्रित अधिकारी भी शामिल है। पहले राजपत्रित अधिकारी कन्हैया लाल सारसवत को और आजमगढ़ मंडल के सहकारिता विभाग के उपनिबंधक राजेंद्र प्रसाद को 50-50 हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया।"
उन्होंने कहा, "विजलेंस और एंटी करप्शन विभाग को उन पुरानी जांचों को भी तय समय सीमा में पूरा करने को कहा गया है, जिन्हें पिछली सरकारों के दौरान दबा कर रखा गया था। इसके अलावा सरकार तमाम ऐसे अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ गोपनीय जांच भी करा रही है, जिनपर भ्रष्टाचार के इल्जाम लगते रहे हैं। सबूत मिलते ही इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने जा रही है।"
-आईएएनएस
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