तिवारी ने बताया कि जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां
पर 2500 गोवंश होने चाहिए थे। निरीक्षण में मात्र 900 पाए गए। यह कमी
गम्भीर अनियमितता और शिथिलता है।
अपर आयुक्त गोरखपुर की जांच समिति ने
पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की। इससे यह
लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई। संख्या कम होने के बावजूद चारे
या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी। अभिलेख भी सही नहीं पाया गया। 500 एकड़
जमीन का पशुपालन विभाग का कब्जा था, जबकि समिति ने गैर कानूनी ढंग से 380
एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी। इसकी न किसी से अनुमति ली गई और न
ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की
श्रेणी में आता है।
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 11 बजे तक 22.51% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
लोकसभा चुनाव 2024: सुबह 11बजे तक बिहार में 20.42%,छतीसगढ़ में 28.12%,J&K में 22.60%,MP में 30.46%,महाराष्ट्र में 19.17% मतदान दर्ज
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope