लखनऊ। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्य, जिन्हें मंगलवार को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था, बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के संपर्क में थे। उत्तर प्रदेश के एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि दोनों--असद बदरुद्दीन और फिरोज खान बांग्लादेश का दौरा भी कर चुके हैं और आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए विस्फोटक की व्यवस्था की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दोनों शख्स देश के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहे थे, जब उन्हें स्पेशल टास्क फोर्स ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया।
अतिरिक्त महानिदेशक कानून-व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया, "गिरफ्तार किए गए दोनों पीएफआई सदस्य केरल से हैं और उनका उद्देश्य हमला कर समाज में धार्मिक दुश्मनी पैदा करना था।"
दोनों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे लखनऊ, बहराइच, मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ के पीएफआई सदस्यों की मदद से एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहे थे।
20-25 लोगों की टीम को 'हिट स्क्वॉड' नाम दिया गया था और उन्हें हथियारों का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया गया था।
पीएफआई, जो केरल में एक सामाजिक युवा संगठन होने का दावा करता है, कई राज्यों में पुलिस की जांच के दायरे में है।
2019 में, एंटी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में इसके कई सदस्यों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। (आईएएनएस)
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